USB क्या है, प्रकार और वर्शन (USB In Hindi)

Types Of USB In Hindi: आज के इंटरनेट समय में USB का इस्तेमाल व्यापक रूप से किया जाता है लेकिन हर किसी को USB के बारे में सही जानकारी नहीं होती है, इसलिए हमने सोचा क्यों ना आपको आज “USB क्या होता है” के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करवाई जाये.

इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि USB क्या होता है, USB का अविष्कार किसने किया, USB के कितने वर्शन है, USB कनेक्टर के प्रकार तथा USB के फायदे और नुकसान क्या हैं. अगर आप USB के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें.

तो चलिए आपका अधिक समय लिए बिना शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं USB किसे कहते हैं.

USB का फुल फॉर्म (USB Full Form in Hindi)

USB का फुल फॉर्म Universal Serial bus (यूनिवर्सल सीरियल बस) होता है.

USB क्या है और इसके कितने प्रकार और वर्शन होते है (USB In Hindi)

USB क्या है (What is USB in Hindi)

Universal Serial bus यानि USB एक Plug & Play इंटरफ़ेस है जिसके द्वारा विभिन्नं डिवाइस को आपस में कनेक्ट किया जाता है ताकि उनके बीच डेटा और पॉवर का ट्रान्सफर किया जा सके. दुसरे शब्दों में कहें तो USB के द्वारा कंप्यूटर अन्य उपकरणों के द्वारा आपस में कम्युनिकेशन कर सकता है.

USB एक फ़्लैश मेमोरी डिवाइस या फ़्लैश ड्राइव मेमोरी स्टोरेज डिवाइस  है.

USB के द्वारा कंप्यूटर से एक्सटर्नल डिवाइस को जोड़ा जाता है जैसे कि कीबोर्ड, माउस, प्रिंटर, स्कैनर, फ़्लैश ड्राइव आदि. इसके अलावा USB का इस्तेमाल व्यापक रूप से उपकरणों को बिजली के द्वारा चार्ज करने के लिए किया जाता है. USB सभी उपकरणों के लिए एक Standard Connection होता है.

सभी USB में USB पोर्ट होते हैं जिनके द्वारा ही दो USB डिवाइस को आपस में जोड़ा जा सकता है. USB को कनेक्ट करने के साथ ही यह अपना काम शुरू कर देते हैं इसलिए USB को Plug and Play डिवाइस कहा जाता है. आज के समय में USB Hub भी मार्केट में मौजूद है जिसमें एक या इससे अधिक पोर्ट की मदद से बहुत से यूएसबी डिवाइस को कनेक्ट किया जा सकता है.

USB के अन्य नाम

USB को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे कि USB ड्राइव, USB Key, USB Stick, USB Flash Drive, USB Cable आदि.

USB पोर्ट क्या है (USB Port In Hindi)

किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में वह स्थान जहाँ से USB को इन्सर्ट किया जाता है उसे USB Port कहा जाता है. जैसे आप अपने लैपटॉप से मोबाइल या अन्य डिवाइस को कनेक्ट करते हैं तो लैपटॉप में स्थित वह स्थान जहाँ से आप USB के द्वारा डिवाइस को कनेक्ट करते हैं उसे ही USB पोर्ट कहते हैं.

एक डिवाइस में एक या इससे अधिक USB पोर्ट हो सकते हैं. कुछ सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जाने वाले डिवाइस और उनके USB पोर्ट की संख्या को हमने नीचे आपको बताया है.

  • Desktop – एक डेस्कटॉप में 2 से 4 USB Port सामने की तरफ होते हैं तथा 2 से 8 USB Port Back Side में होते हैं.
  • Laptop – सभी लैपटॉप में सामान्यतः 2 या 4 ही USB Port होते हैं.
  • Tablet – टेबलेट में एक ही USB पोर्ट होता है जिसका इस्तेमाल चार्जिंग के लिए किया जाता है.
  • Smartphone – अधिकतर स्मार्टफ़ोन में भी एक ही USB पोर्ट होता है जिसका इस्तेमाल फ़ोन को चार्ज करने के लिए किया जाता है.

USB डिवाइस के नाम

ऐसे डिवाइस जिन्हें USB कनेक्शन का उपयोग करके कनेक्ट किया जाता है उसे USB डिवाइस कहते हैं. आज के समय में विभिन्न कार्यों के लिए हजारों अलग – अलग प्रकार के USB डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है. जिनमें से कुछ USB डिवाइस के नाम निम्नलिखित हैं –

USB का इतिहास (History of USB in Hindi)

USB को बनाने की शुरुवात 1994 में दुनिया की 7 बड़ी टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, IBM, Compaq, Nortel, DCE और NCE ने की थी. USB का पहला संस्करण 1996 में रिलीज़ किया गया था. USB के आविष्कार का श्रेय अजय भट्ट जी को जाता है जिन्होंने Intel कंपनी में USB Standard पर काम किया था.

धीरे – धीरे USB में विकास होता रहा और आज ऐसे USB मार्केट में उपलब्ध हैं जो बहुत तेज गति से एक डिवाइस से दुसरे डिवाइस में डेटा ट्रान्सफर करने में सक्षम हैं. USB के विकास को अच्छे से समझने के लिए हम USB Version को समझेंगे.

USB के सभी रिलीज़ वर्शन निम्नलिखित हैं –

USB1.0 – यह USB का पहला वर्शन था जिसे 1996 में लांच किया गया था. USB 1.0 में डेटा ट्रान्सफर करने की स्पीड 1.5 Mbps थी. हालाँकि यह स्पीड आज के समय में बहुत कम है लेकिन उस समय में यह एक अच्छी स्पीड हुआ करती थी.

USB 1.1 – USB का दूसरा वर्शन 1998 में रिलीज़ किया गया था जिसे USB 1.1 के नाम से जाना जाता है. USB के इस नए संस्करण में डेटा ट्रान्सफर की स्पीड अधिकतर 12 Mbps थी.

USB 2.0 – टेक्नोलॉजी के विकास होने के साथ USB का भी नया वर्शन 2000 में लांच किया गया जिसे USB 2.0 नाम दिया गया. USB 2.0 की स्पीड 480 Mbps थी जो कि उस समय के अनुसार बहुत अधिक थी, इसलिए इसे High Speed नाम भी दिया गया. USB का यह वर्शन बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय हुआ था.

USB 3.0 – USB का नया संस्करण USB 3.0 2008 में लगभग 8 साल बाद रिलीज़ किया गया. USB 3.0 अभी तक का सबसे Advance Version था जो 5 Gbps की स्पीड से डेटा ट्रान्सफर करने में सक्षम था.

USB 3.1 – 2013 में USB 3.1 को रिलीज़ किया गया जो कि 10 Gbps की स्पीड से डेटा ट्रान्सफर कर सकता था, इसलिए इसे Superspeed Plus नाम दिया गया. इसके साथ ही एक USB कनेक्टर Type C को भी रिलीज़ किया गया.

USB 3.2 – 2017 में USB का एक और नया संस्करण लांच किया गया जिसे USB 3.2 नाम दिया गया. इसकी स्पीड 20 Gbps थी यानि पिछले संस्करण के दुगना.

USB 4.0 – साल 2019 में USB 4.0 को रिलीज़ किया गया, यह USB का अभी तक सबसे नवीनतम और फ़ास्ट संस्करण है जिसकी स्पीड 40 Gbps है. इसे Thunderbolt नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसमें Thunderbolt का सपोर्ट भी है.

USB के संस्करण (USB Version in Hindi)

हमने नीचे टेबल के द्वारा USB के सभी संस्करण के नाम उनकी रिलीज़ वर्ष तथा प्रत्येक वर्शन में USB की डेटा ट्रान्सफर स्पीड को बताया है जिससे कि आपको USB वर्शन को याद रखने में आसानी होगी.

USB VersionRelease YearData Transfer Speed
USB 1.019961.5 Mbps
USB 1.1199812 Mbps
USB 2.02000480 Mbps
USB 3.020085 Gbps
USB 3.1201310 Gbps
USB 3.2201720 Gbps
USB 4.0201940 Gbps
USB के संस्करण (USB Version in Hindi)

USB कनेक्टर के प्रकार (Types of USB Connector in Hindi)

USB कनेक्टर अलग – अलग प्रकार के होते हैं, USB कनेक्टर को USB पोर्ट में लगाकर दो डिवाइस को आपस में कनेक्ट किया जाता है. USB कनेक्टर निम्न प्रकार के होते हैं –

  • USB Type A
  • USB Type B
  • USB Type C

चलिए इनके बारे में एक – एक कर समझते हैं.

#1 – USB Type A

यह सबसे सामान्य प्रकार के USB कनेक्टर हैं जिनका इस्तेमाल व्यापक रूप से किया जाता है. अधिकतर मोबाइल, लैपटॉप के चार्जर में USB Type A का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा सभी माउस, कीबोर्ड, पैन ड्राइव आदि में USB Type A या  USB केबल कनेक्टर ही पाया जाता है. ये फ्लैट होते हैं तथा आकार में अन्य प्रकार के कनेक्टर से बड़े होते हैं.

#2 – USB Type B

USB B आकार में चकोर कनेक्टर होते हैं और आकार में भी थोड़े बड़े हो सकते हैं. इसका इस्तेमाल काफी कम किया जाता है. USB Type B कनेक्टर का इस्तेमाल स्कैनर, प्रिंटर जैसे Powered Device को कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए किया जाता है.

#3 – USB Type C

Type C सबसे आधुनिक और सबसे तेज USB कनेक्टर हैं जिसे साल 2013 में रिलीज़ किया गया था. आप इस कनेक्टर को दोनों तरफ से इस्तेमाल कर सकते हैं, यानि इसे उल्टा या सीधा दोनों तरफ से इस्तेमाल किया जा सकता है. अभी के समय में बनने वाले अधिकतर नए डिवाइस में Type C का ही इस्तेमाल किया जाता है. भविष्य में Type C कनेक्टर का ही इस्तेमाल किया जायेगा. अब लैपटॉप, एंड्राइड स्मार्टफ़ोन आदि उपकरणों में भी Type C पोर्ट आने लगा है.

#4 – Lighting Connector

यह Apple कम्पनी का प्रोडक्ट है जिसे केवल Apple के प्रोडक्ट में इस्तेमाल किया जाता है. आपने देखा होगा iPhone, iPad आदि के कनेक्टर सबसे अलग होते हैं, यही Lighting Connector होते हैं.

USB के फायदे (Advantage of USB Device in Hindi)

USB के अनेक सारे फायदे हैं जिनमें से कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं –

  • USB के द्वारा आप विभिन्न डिवाइस को आसानी से आपस में कनेक्ट कर सकते हैं.
  • USB का उपयोग करना आसान है.
  • USB पोर्टेबल होता है इसे आप अपने साथ कहीं भी ले जा सकते हैं.
  • USB के डेटा ट्रान्सफर करने की स्पीड बहुत अधिक होती है.
  • USB के द्वारा किन्हीं दो डिवाइस को कनेक्ट और डिसकनेक्ट करना बहुत आसान होता है.
  • USB की कीमत भी बहुत कम होती है.
  • USB अधिक बिजली की खपत नहीं करते हैं.

USB के नुकसान (Disadvantage of USB in Hindi)

USB के फायदों के साथ – साथ कुछ नुकसान भी होते हैं, जो कि निम्नलिखित हैं –

  • USB की क्षमता सीमित होती है.
  • कुछ सिस्टम में डेटा ट्रान्सफर स्पीड USB से बहुत अधिक होती है.
  • USB में ब्राडकास्टिंग Feature नहीं होता है, इसके द्वारा केवल peripheral और होस्ट के बीच केवल व्यक्तिगत मैसेज का कम्युनिकेशन किया जाता है.

USB से सम्बंधित सामान्य प्रश्न

USB का अविष्कार किसने किया?

USB का आविष्कार अजय भट्ट जी ने 1996 में किया था.

USB का सबसे नवीनतम संस्करण कौन सा है?

USB का सबसे नवीनतम संस्करण USB 4.0 है.

USB का फुल फॉर्म क्या है?

USB का फुल फॉर्म Universal Serial Bus है.

USB का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?

USB का इस्तेमाल दो USB डिवाइस को आपस में कनेक्ट करने के लिए किया जाता है, जिससे कि उनके बीच डेटा और लाइट का ट्रान्सफर हो पाता है.

इन्हें भी पढ़े 

निष्कर्ष: यूएसबी क्या है हिंदी में

इस लेख में हमने आपको USB Kya Hai In Hindi, USB Full Form, USB का इतिहास और संस्करण के साथ USB कनेक्टर के प्रकार तथा USB के फायदे व नुकसान की पूरी जानकारी आपको प्रदान करवाई है. इस लेख को पूरा पढने के बाद शायद आप अब किसी भी USB को आसानी से पहचान सकते हैं और साथ ही विभिन्न USB के बीच अंतर को पता कर सकते हैं.

इस लेख में इतना ही, उम्मीद करते हैं आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख जरुर पसंद आया होगा, और यदि आपको इस लेख से कुछ सीखने को मिला है तो यह इस जानकारी को अन्य लोगों के साथ भी शेयर करें.

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