PSTN क्या है काम कैसे करता है (PSTN और VOIS कनेक्शन में अंतर)

PSTN Full Form In Hindi: क्या आप जानते हैं PSTN क्या है? PSTN Full Form in Hindi? PSTN काम कैसे करता है? PSTN की सेवाएँ क्या है? PSTN के फायदे और नुकसान क्या हैं? तथा PSTN और VOIP में क्या अंतर है?

अगर आप PSTN से सम्बंधित उपरोक्त प्रश्नों का जवाब नहीं जानते हैं तो एकदम सही ब्लॉग पोस्ट पर आये हैं, आज के इस पोस्ट में हम आपको PSTN कनेक्शन की पूरी जानकारी देने वाले हैं.

PSTN दुनिया के सबसे पुराने कनेक्शन में से एक है जिसने दुनिया को एक साथ जोड़ने का काम किया था wo भी एक डिवाइस तथा एक केबल के द्वारा. 90 के दशक में संचार के लिए PSTN कनेक्शन का सर्वाधिक इस्तेमाल होता था.

लेकिन आज कई सारे एडवांस और हाई स्पीड कनेक्शन मौजूद हैं इसलिए अब PSTN का उपयोग कम ही देखा जाता है, लेकिन दुनिया के सबसे पुराने कनेक्शन के बारे में आपको नॉलेज होनी चाहिए.

PSTN क्या है काम कैसे करता है (PSTN और VOIS कनेक्शन में अंतर) PSTN Full Form in Hindi

तो चलिए बिना समय गंवाए शुरू करते हैं आज के इस लेख को और जानते हैं PSTN कनेक्शन क्या है हिंदी विस्तार से.

PSTN का पूरा नाम क्या है (PSTN Full Form in Hindi)

पीएसटीएन कनेक्शन के बारे मे जानने से पहले इसका पूरा नाम जान लेते है, PSTN का पूरा नाम Public Switched Telephone Network है.

पीएसटीएन कनेक्शन क्या है (PSTN Connection in Hindi)

PSTN एक एनालॉग सर्किट स्विच टेलीफोन नेटवर्क सिस्टम है जिसका प्रयोग voice को ट्रांसमिशन के लिए किया जाता है. यह कॉपर केबल के द्वारा voice को ले जाता है. इसको सादा टेलीफोन सिस्टम भी बोलते है कई देशों मे पुराने सादे टेलीफोन सेवाओ कोपोस्ट ऑफिस टेलीफोन सेवाओ के नाम से भी जाना जाता है.

शुरूआत मे PSTN एक एनालॉग सर्किट सिस्टम था जो टेलीफोन कंपनी द्वारा चलाया गया लेकिन बाद मे इसको इलेक्ट्रो मैग्नेटिक स्विच मे बदल दिया गया और इसको डिजिटल बना दिया गया. PSTN से आज हम एक दूसरे से जुड़े है ये dial-up कनेक्शन को बनाता है.

PSTN एक बहुत बड़ा नेटवर्क सिस्टम है जिसका प्रयोग टेलीफोन कॉल के लिए किया जाता है, पहले PSTN सिर्फ voice कॉल के लिए होता था लेकिन आज इसका प्रयोग data ट्रांसफर के लिए भी किया जाता है जैसा की ये Dial-up कनेक्शन बनाता है तो इसकी स्पीड कम है, इसमें डेटा ट्रान्सफर की दर 64kbps है.

PSTN कनेक्शन का इतिहास (History of PSTN in Hindi)

PSTN कनेक्शन की शुरुवात होती है 1875 से जिसे कि अमेरिका मे Alexander bell की टेलीफोन कंपनी बनाया. एक साल बाद 1876 मे Bell ने ऐसा डिवाइस बनाया जिसमें आवाज एक जगह से दूसरी जगह जा सकती थी वो भी एक केबल के द्वारा.

आप सोच सकते हैं उस समय यह करना कितना मुश्किल रहा होगा हम सोच भी नही सकते थे कि अपने से दूर बैठे व्यक्ति से बात कर पायेंगें. लेकिन बेल ने इसको आसान बनाया एक डिवाइस के द्वारा जिससे कि हम अपने से दूर बैठे व्यक्ति से इस प्रकार बात कर सकते हैं जैसे कि वह हमारे सामने बैठा हो.

इसमें एक केबल जिसके द्वारा दो device जुड़े होते है, पहले सिर्फ एक ही साइड से बात हो पाती थी यानि एक आदमी बोलेगा दूसरा सुनेगा आवाज को एक जगह से दूसरे जगह भेजने के लिए कार्बन मैक्रोफोन, बैटरी, एलेक्ट्रोमैग्नेट और iron diaphragm की जरूरत होती थी. बात करने के लिए सारी जगह केबल से जुड़ा होना चहिए जो इसकी कीमत को बढ़ा देता था.

बाद मे बेल ने एक device बनाया उसको स्विच बोला गया जिसमें सिर्फ आपको centralized से जुड़ा होना चाहिए फिर centralized office कॉल को अंतिम destination तक कनेक्ट करेगा.

आगे चलकर टेलीफोन की दुनिया मे और बदलाव आते रहे, PSTN जो एक एनालॉग सर्किट था जिसको बाद मे बदल के एलेक्ट्रो मैग्नेटिक मे बदल दिया गया और ये डिजिटल सर्किट मे आने लगा. डिजिटल सर्किट की voice quality अच्छी होती है और यह  लंबी दूरी तय कर सकता है.

 PSTN कनेक्शन काम कैसे करता है

अब बात करते है PSTN कनेक्शन काम कैसे करता है, सबसे पहले PSTN कनेक्शन को लगाने के लिए कॉपर केबल जरूरत होती है और दो टेलीफोन को कॉपर केबल से जोड़ा जाता है.

और फिर जब हम टेलीफोन से बोलते है तो उस से sound wave पैदा होती है जिसे ये एनालॉग सिग्नल मे बदल देता है और ये एनालॉग सिग्नल कॉपर केबल के द्वारा एक टेलीफोन से दुसरे टेलीफोन तक जाती है और फिर से एनालॉग सिग्नल को sound wave मे बदल देता है जिस से कि हमे सामने वाली की आवाज सुनाई देती है. इस तरह ये voice का आदान प्रदान करता है और पूरा सिस्टम चलता है.

PSTN की सेवायें (PSTN Service in Hindi)

PSTN या पुराना सादा टेलीफोन कनेक्शन बहुत से सेवा प्रदान करता था इनके बारे मे जानते है विस्तार से जैसे कि –

  • लंबी दूरी कॉल –  जब कोई टेलीफोन नेटवर्क एक जगह से दूर बना हो तो उसे लंबी दूरी की कॉल बोलते है. इस प्रकार की कॉल को अतिरिक्त STD कोड को टेलीफोन नंबर के साथ डायल किया जाता है.
  • Directory assistance – यह एक फोन नंबर है जिसमें कोई भी व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के बारे मे पूछ सकता है. आप इसे एक सहायता नंबर समझ सकते हैं जिसपर कॉल लगाकर रक व्यक्ति अन्य दुसरे व्यक्ति के बारे में पूछताछ कर सकता है.
  • Conference  calling system – अगर कोई व्यक्ति को कोई संदेश एक से ज्यादा व्यक्ति को भेजना होता है तो इसका उपयोग करता है.

आर्टिकल को यहाँ तक पढने पर आप समझ गए होंगें कि PSTN कनेक्शन क्या है, चलिए अब PSTN के फायदों और नुकसानों पर भी एक नजर डाल लेते हैं.

PSTN कनेक्शन के फायदे (Advantage of PSTN Connection)

PSTN कनेक्शन के कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं –

  • PSTN का सबसे बड़ा फायदा है इसकी voice quality जो अन्य कनेक्शन की तुलना मे अच्छी है।
  • ये सुरक्षा के मामले मे भी आगे है.
  • PSTN मे अच्छी reliability है जैसे की businesses के लिए सबसे अच्छा अगर पॉवर failure हो जाता ये तब भी काम करता है जिस से business चलते रहता है.
  • PSTN का प्रयोग करना आसान है.
  • PSTN को set-up और इंस्टाल करना आसान है.

PSTN कनेक्शन के नुकसान (Disadvantage of PSTN Connection )

PSTN कनेक्शन में अनेक सारी कमियां थी। PSTN के कुछ नुकसान निम्नलिखित हैं –

  • PSTN की स्पीड बहुत कम है.
  • PSTN मे आपको हर महीने maintenance फीस देना पड़ता है जो इसको महंगा बना देता है.
  • PSTN के कॉल फीस भी महंगी होती है.
  • कई बार PSTN में यह समस्या आती थी कि यह किसी दूसरी लाइन से जुड़ जाता था.

PSTN और VOIS कनेक्शन में अंतर

PSTN और VOIP दोनों कनेक्शन एक – दुसरे से बिल्कुल विपरीत हैं. PSTN कनेक्शन और VOIS के बीच कुछ अंतर निम्नलिखित हैं –

PSTN (पीएसटीएन)VOIP (वीओआईपी)
PSTN का पूरा नाम public switched telephone network है.VOIS का पूरा नाम वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल है.
PSTN नेटवर्क सर्किट स्विचिंग का उपयोग करता है.VOIP पैकेट स्विचिंग का उपयोग करता है.
PSTN मे दोनों device को जोड़ने के लिए केबल की जरूरत पड़ती है.VOIP मे डिवाइस को जोड़ने के लिए किसी केबल की जरुरत नहीं पड़ती है.
PSTN मे डेडिकेट लाइन की जरूरत होती है.VOIP मे इन्टरनेट कनेक्शन की जरूरत होती है.
PSTN 64 kbps तक की स्पीड support करता है.VOIP 100kbps तक की स्पीड support करता है.
Difference Between PSTN and VOIS Connection In Hindi

FAQs: PSTN in Hindi

PSTN का पूरा नाम क्या है?

PSTN का पूरा नाम Public Switched Telephone Network होता है.

PSTN का मतलब क्या है?

PSTN Circuit Switching Network सिस्टम पर आधारित है, जिसका इस्तेमाल कॉपर केबल के द्वारा voice को ट्रांसमिशन के लिए किया जाता है. यह मैसेज को अलग – अलग पैकेट में बांटकर सोर्स से डेस्टिनेशन तक पहुंचाता है.

PSTN कनेक्शन की शुरुवात कब हुई?

PSTN कनेक्शन की शुरुवात 1875 में अमेरिका में हुई थी, जिसे महान वैज्ञानिक Alexander bell की टेलीफोन कंपनी के द्वारा बनाया गया था.

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निष्कर्ष: पीएसटीएन कनेक्शन क्या है हिंदी में

हमें पूरी उम्मीद है कि इस लेख को अंत तक पढने के बाद आप PSTN Kya Hai और यह काम कैसे करता है के बारे में अच्छी प्रकार से समझ गए होंगें. साथ ही इस लेख में हमने आपको PSTN के प्रकार, फायदे, नुकसान तथा VOIP और PSTN में अंतर भी समझाया है जिससे कि आपको PSTN के बारे पढने के लिए किसी अन्य ब्लॉग पर ना जाना पड़े.

यदि अभी भी आपके मन में PSTN कनेक्शन को लेकर कोई संदेह हैं तो हमें निसंकोच कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं. अगर आपको इस लेख में दी गई जानकारी पसंद आई तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

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